hindisamay head


अ+ अ-

लेख

सौर-मंडल में सबसे तेज आँधियाँ नेप्ट्यून पर चलती हैं !

स्कंद शुक्ल


नीला नेप्ट्यून सबसे सुदूर का ग्रह है। उसके बाद प्लूटो व अन्य को विज्ञान ने वामन ग्रहों में परिभाषित किया है। लेकिन इतनी दूरी के बाद भी नेप्ट्यून के विषय में दो बातें जो ध्यान खींचती हैं, वे अद्भुत हैं।

पहली बात इसपर चलने वाले अंधड़ों की है। नेप्ट्यून पर जो आँधियाँ चलती हैं, उनके आगे पृथ्वी की आँधियाँ कुछ नहीं हैं। कारण तापमान का विभेद है। नेप्ट्यून ग्रह के भीतरी कोर और बाहरी वायुमंडल में तापमान का बहुत अंतर है। नतीजन 2100 किलोमीटर / घंटे की गति से प्रभंजन जन्म लेता है !

दूसरी बात नेप्ट्यून के तापमान की है। आम सोच यह हो सकती है कि यूरेनस की तुलना में नेप्ट्यून सूर्य से अधिक दूर है और इसलिए यह अधिक ठंडा भी होगा। जबकि मामला उलट जान पड़ता है। नेप्ट्यून की तुलना में यूरेनस अधिक ठंडा ग्रह है।

ऐसा क्यों है, हम ठीक से नहीं जानते। कदाचित् नेप्ट्यून के अंधड़ जो भीतरी गर्मी और बाहरी ठंड के विभेद से उपजते हैं, उसे शांत और शीत नहीं होने देते। नेप्ट्यून 'कुछ' कम ठंडा हो पाता है, यूरेनस की तुलना में।

दिलचस्प है यह नेप्ट्यून-कथा ! यूरेनस से कम प्रकाश मिलता है इसे सूर्य का ! दूर जो है उसकी तुलना में अधिक ! लेकिन अनुपात में अधिक परावर्तित करता है !


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में स्कंद शुक्ल की रचनाएँ